आदर्श स्थिति कहाँ है! शायद अपनी परिकल्पना में!! आदर्श स्थिति कहाँ है! शायद अपनी परिकल्पना में!!
शब्दों के धागे से बुने ख्वाबों को वास्तविकता से जोड़ती.. शब्दों के धागे से बुने ख्वाबों को वास्तविकता से जोड़ती..
काश हमें भी मिलता कोई रहगुज़र, जो देता हमारी जिंदगी सँवर । न आया हमारी जिंदगी में काश हमें भी मिलता कोई रहगुज़र, जो देता हमारी जिंदगी सँवर । न आया हमारी...
क्या उन्हें कोई दुख होता नहीं, या जीवन मे वो कुछ खोते नहीं, आखिर क्यों लड़के कभी रोते क्या उन्हें कोई दुख होता नहीं, या जीवन मे वो कुछ खोते नहीं, आखिर क्यों लड़क...
झूल रहें हैं कृष्ण , नंद बाबा के द्वारे । लगा सोचने कंश , काल को कैसे मारे । झूल रहें हैं कृष्ण , नंद बाबा के द्वारे । लगा सोचने कंश , काल को कैसे मारे ।
समय है हमारे पास अभी खुद में मिल जाने का और विखरते हुये गुजर जाने का। समय है हमारे पास अभी खुद में मिल जाने का और विखरते हुये गुजर जाने का।